मंगलवार, 31 मई 2011

बेवफाई

बेवफाई से नहा वफाई का चोला पहन रो रहा हूँ सून शहनायाई
ओ हरजाई मत कर बेवफाई आज तुने मुझे नही मोहबत को बदनाम किया
कौन था वो चाँद कैसी थी चांदनी जो चाँद चांदनी से दूर हो रहा
सुमन के सुगंध से जुल्शन आबाद हो रहा
देख आज कही मोहबत बदनाम हो रहा

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