सलाहकार: नेता जी, नेता जी, जनता बड़ी परेशान हैं,
नेता जी : जनता क्या हैं, ये किस चिड़िया का नाम हैं?
मुझे मत बताओ मेरे सर चकराते हैं,
कही धरना, कही प्रदर्शन पे बैठ जाते हैं,
फिर बिजली पाने शंकट का मुहर लगते हैं,
मेरी अपनी जिन्दगी भी हैं कुछ,
या इनपे लुटाऊ सारी,
बात बात पे मर मिटने को तैयार हो जाते हैं,
बड़े ही मुद्तो बाद,
पाच साल के लिए ही मिल पाती हैं साली (कुर्सी )
पाच साल के लिए ही मिल पाती हैं साली (कुर्सी )
जनता के बिच पिस कर इसका मज़ा भी नहीं उठा पाते हैं।